उनकी ज़ुबान ही कुछ ऐसी है....की वोह फूल कहते हैं तो सुनाई देता काँटा है,
वोह आय लव यू कहते हैं...तो भी लगता है जैसे डांटा है.
कुदरत ने गुस्सा बांटते वक़्त उनके हिस्से में थोड़ा ज्यादा बांटा है,
वोह आय लव यू कहते हैं...तो भी लगता है जैसे डांटा है.
अपनी बात पूरी करके वोह पूछते हैं...क्यों इतना सन्नाटा है,
वोह आय लव यू कहते हैं...तो भी लगता है जैसे डांटा है.
गालों पर हाथ घुमाते हुए कुछ कहते हैं....तो लगता जैसे चांटा है.
वोह आय लव यू कहते हैं...तो भी लगता है जैसे डांटा है.
वोह आय लव यू कहते हैं...तो भी लगता है जैसे डांटा है.
Friday, November 12, 2010
Wednesday, November 3, 2010
Friday, October 29, 2010
Aap aur Chaand
सदियों से यूं लगता था जैसे इस दिल के घर में काला बादल छाया है
आपके आने से ऐसा लगा जैसे चाँद भूलके रास्ता मेरे घर आया है
आपके आने से ऐसा लगा जैसे चाँद भूलके रास्ता मेरे घर आया है
Phool Aur Kanta
काँटा बनके भी हम ये सोच कर ज़िन्दगी का मज़ा लेंगे
कभी भूल से ही सही, इस कांटे को भी फूल के साथ जुल्फों में वो सजा लेंगे.
कभी भूल से ही सही, इस कांटे को भी फूल के साथ जुल्फों में वो सजा लेंगे.
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